आर्थिक नियोजन का अर्थ एवं परिभाषा

आर्थिक नियोजन का अर्थ एवं परिभाषा-आर्थिक नियोजन एक व्यापक शब्द है जिसकी भिन्न-भिन्न अर्थशास्त्रियों ने भिन्न-भिन्न परिभाषाएँ दी हैं, इनमें से कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-

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1. श्री एस० ई० हैरिस के मतानुसार, “नियोजन से अभिप्राय: आय तथा मूल्य के संदर्भ में, नियोजन अधिकारी द्वारा निश्चित किये गये उद्देश्यों एवं लक्ष्यों के लिए साधनों का आवंटन मात्र है। “

2. लेविस लॉर्डविन के शब्दों में “आर्थिक नियोजन आर्थिक संगठन की एक योजना है जिसमें सभी व्यक्तियों और अलग-अलग प्लान्टों, उपक्रमों और उद्योगों को एक दिए हुए समय के अन्तर्गत जनसाधारण की आवश्यकताओं की अधिकतम संतुष्टि की प्राप्ति उपलब्ध संसाधन का उपयोग करने के उद्देश्य से एकल प्रणाली की समन्वित इकाईयों के रूप में संचालित किया जाता है।”

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3. प्रो० राबिन्स के शब्दों में, “नियोजन से अभिप्राय उत्पादन एवं विनिमय की निजी क्रियाओं पर सामूहिक नियंत्रण अथवा दबाव से है।”

4. गुन्नार मिर्डल के अनुसार, “आर्थिक नियोजन राष्ट्रीय सरकार की रीति-नीति से सम्बन्धित वह कार्यक्रम है जिसमें बाजार शक्तियों के कार्यकलापों के में राज्य हस्तक्षेप की प्रणाली को सामाजिक प्रक्रिया के ऊपर ले जाने हेतु लागू किया जाता है।”

5. डॉ० डाल्टन के अनुसार, “व्यापक अर्थ में आर्थिक नियोजन, विशाल साधनों के संरक्षणों द्वारा निश्चित लक्ष्यों को प्राप्ति हेतु आर्थिक क्रियाओं का सचेत निर्देशन है।”

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6. श्रीमती बी० बूटन शब्दों में, “आर्थिक नियोजन एक ऐसी पद्धति है जिसमें बाजार के तंत्र का प्रयोग जानबूझ कर इस प्रकार किया जाता है कि ऐसा ढाँचा बने जो कि उनको स्वतन्त्र छोड़ने पर बसने वाले ढांचे से भिन्न हो। “

7. भारतीय योजना आयोग के अनुसार, “आर्थिक नियोजन आवश्यक रूप से सामाजिक उद्देश्यों के अनुरूप साधनों को अधिकतम लाभ हेतु संगठित एवं उपयोग करने का एक मार्ग है। “

8. राष्ट्रीय नियोजन समिति के मत में, “आर्थिक नियोजन उपभोग, उत्पादन, विनियोग, व्यापार तथा राष्ट्रीय लाभांश के वितरण से सम्बन्धित स्थार्थरहित विशेषज्ञों का तकनीकी समन्वय है जो राष्ट्र की प्रतिनिधि संस्थाओं द्वारा निर्धारित विशिष्ट उद्देश्यों की पूर्ति हेतु प्राप्त किये जायें।

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9. रूडोल्फ विटानिक के अनुसार, “नियोजन शब्द से एक ऐसे विवेकयुक्त प्रत्याशित तथा मात्रात्मक आर्थिक विकास का बोध होता है जिसे एक निश्चित समयावधि के अन्तर्गत, एक क्षेत्र विशेष में, विशेष रूप से संस्थागत मानवीय प्रयास द्वारा पूर्णतः निर्धारित साधनों की सहायता से किन्हीं सामाजिक आर्थिक उपलब्धि हेतु प्राप्त किया जाता है। “

इस तरह, आर्थिक नियोजन के संबंध में यह कहा जा सकता है कि, आर्थिक नियोजन एक संगठित आर्थिक प्रयास है जिसमें एक निश्चित अवधि के अन्तर्गत सुनिश्चित एवं सुपरिभाषित सामाजिक एवं आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आर्थिक संसाधनों का विवेकपूर्ण ढंग से समन्वय एवं नियंत्रण किया जाता है। यह कहा जा सकता है कि आर्थिक नियोजन एक पद्धति है, यह वांछित लक्ष्यों व उद्देश्यों को पूरा करने का एक साधन है। यह लक्ष्य, केन्द्रीय नियोजन अधिकारी एवं शक्ति द्वारा पूर्व निर्धारित तथा स्पष्ट रूप से परिभाषित होने चाहिए, भले ही लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक अथवा सैन्य व सुरक्षा से सम्बन्धित ही क्यों न हो।

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