अनौपचारिक शिक्षा की विशेषताएँ निम्नलिखित है
- अनौपचारिक शिक्षा स्वाभाविक होती है अर्थात् यह कृत्रिमता से परे होती है।
- यह शिक्षा जीवनपर्यन्त चलती है अथवा हम यह भी कह सकते हैं कि इस शिक्षा का प्रारम्भ तब से हो जाता है जबकि बालक इस संसार में जन्म लेता है एवं यह तब तक चलती है जब तक कि बालक मृत्यु शैया को प्राप्त न कर ले
- इस शिक्षा को देने के प्रमुख साधन परिवार, पड़ोस, समाज, राज्य, धर्म आदि है।
- इसमें बालक अपने अनुभवों के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करता है।
- इसमें बालक स्वतन्त्र वातावरण में शिक्षा ग्रहण करता है। उसके ऊपर कोई कठोर नियन्त्रण नहीं होता है।
- यह बालक की रुचि व जिज्ञासा पर आधारित होती है।