चालुक्यों के प्रशासनिक संगठन का उल्लेख कीजिए।

चालुक्यों के प्रशासनिक संगठन

चालुक्यों के प्रशासनिक संगठन बहुत सुदृढ़ था राजा एक कुशल प्रशासक भी था। उसके प्रशासन में प्रत्येक स्तर पर अलग-अलग पदाधिकारी थे जो उसे जनता की समस्याओं एवं आवश्यकताओं के विषय में जानकारियाँ देते थे तथा प्रशासनिक कार्यों में उसे मदद करते थे। चालुक्यों का प्रशासनिक संगठन इस प्रकार है राजा, मंत्रिपरिषद्, राज्य के कर्मचारी, राजधानी, प्रान्तों तथा ग्रामों के कर्मचारी।

राजा अपने सभी प्रशासनिक कर्मचारियों की सलाह के अनुसार कार्य करता था। राजा का क्षेत्र बहुत बड़ा था, उसकी राजधानी की परिधि लगभग पाँच सौ मील थी। इतने बड़े क्षेत्र की देख-भाल करने के लिए विशाल प्रशासनिक संगठन आवश्यक था। सैनिक संगठन की देखभाल करने के लिए भी उसने अलग-अलग पदाधिकारी नियुक्त किए थे जैसे सेनापति, महासेनापति महाबलाधिकृत आदि। चालुक्यों ने ग्रामीण स्तर पर प्रशासनिक कार्यों की देख-भाल करने के लिए ग्राम सभाओं का आयोजन किया था तथा प्रत्येक ग्राम सभा में एक मुखिया की नियुक्ति की नाई थी। पुलकेशिन ने जनता की समस्याओं को जानने एवं उनके निराकरण हेतु मंत्रियों की सलाह लेने हेतु कचेहरियों की व्यवस्था की थी। चालुक्यों के शासन काल में प्रशासनिक संगठन उच्चकोटि का था।

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