टूटता घर से क्या आशय है?

टूटता घर (Broken House) –

टूटता घर के तीन कारण हैं

  • (1) अचानक माता या पिता की मृत्यु से,
  • (2) तलाक से,
  • (3) पारिवारिक सदस्यों के विघटन से।

एक वह परिवार जिसमें प्रारंभिक अवस्था में माँ की मृत्यु हो जाती है तो बड़ा ही गंभीर प्रभाव बालक के विकास पर पड़ता है। बालक माँ की मृत्यु के बाद यह अनुभव करता है कि माँ अब वापस नहीं आयेगी। अतः उसकी क्षतिपूर्ति परिवार के अन्य सदस्यों से करना चाहता है। यदि परिवार के दूसरे सदस्य उसे माँ का प्यार और स्नेह नहीं देते हैं, तो उसमें हीन भावना उत्पन्न होती है और अपने परिवार जनों से घृणा उत्पन्न होती है। इसी प्रकार यदि किशोरावस्था में पिता की मृत्यु हो जाती है तो बालक अपनी वांछित योग्यताओं का विकास नहीं कर पाता है और अर्थाभाव तथा पारिवारिक उत्तरदायित्वों से घिर जाता है जिससे उसके संबंध बिगड़ते हैं।

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यूरोपीय देशों में तलाक तो एक सामान्य बात बहुत पहले से थी लेकिन अब भारत जैसे देशों में भी पाश्चात्य का प्रभाव व नारी स्वतंत्रता ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। तलाक़ में सबसे अधिक प्रभावित बालक पर होता है जो माता-पिता या पिता से अलग हो जाने के बाद विमाना और शौतेले पिता अथवा अकेले पड़ता है। ये स्थितियाँ उसमें तरह-तरह के भावात्मक तनावों को उत्पन्न करती है जिससे उसका संबंध परिवार के साथ खराब होता है।

आज के युग में स्वार्थपूर्ण तथा भौतिकववादी समाज में संयुक्त परिवार टूट रहे हैं या टूटने के कगार पर हैं। निजी स्वार्थों को लेकर परिवारों में संघर्ष और झगड़े होते हैं जिनका प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। संयुक्त परिवार को बिगड़ते देखने वाला बालक बहुत से अंतद्वंद्वों, भग्नाशाओं और मनोभावों से गुजरता है। जिनसे वह कुछ दिन पहले प्यार करता था, उन्हें अपना मानता था. उनसे । घृणा या शत्रुता का भाव उत्पन्न होता है। इससे पारिवारिक संबंध बिगड़ते हैं।

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