हैराड- डोमर की असमानताएँ एवं समानताएं

आइये जानते हैं हैराड- डोमर की असमानताएँ एवं समानताओंन के बारे में जो आप सभी को नीचे लिस्ट के माध्यम से हैराड- डोमर की असमानताएँ एवं समानताएं दोनों अलग अलग तरीके से बताया गया हैं।

हैरॉड-डोमर तथा कल्डार मॉडल की विशेषताएं बताइये।

दोनों विकास मॉडलों के बीच निम्न असमानताएँ (अन्तर) विद्यमान हैं

  1. डोमर ने सीमान्त पूँजी- उत्पादन अनुपात और गुणक के व्युत्क्रम का प्रयोग किया है, जबकि हैरोड ने सीमान्त पूँजी उत्पाद अनुपात और त्वरक का प्रयोग किया है।
  2. हैरोड की राय में व्यापार- चक्र विकास पथ का अभिन्न अंग है; किन्तु डोमर के विचार में ऐसा नहीं है, यद्यपि निवेश की औसत उत्पादकता के रूप में डोमर ने उच्चावचनों की वास्तविकता अवश्य स्वीकार की है।
  3. डोमर ने पूँजी- संचय और उत्पादन क्षमता के बीच तकनीकी सम्बन्ध स्थापित किया है, किन्तु हैरोड ने मांग में वृद्धि, चालू उत्पादन और पूँजी-संचय के बीच व्यावहारिक सम्बन्ध स्थापित किया हैं
  4. डोमर का मॉडल सन्तुलित विकास- तकनीक पर आधारित है। हैरोड का मॉडल असन्तुलित विकास तकनीक से सन्तुलित की ओर अग्रसर होता है।
  5. डोमर ने पूर्ण रोजगार का स्तर बनाये रखने के लिए निवेश की वांछनीय दर का उल्लेख किया है। हैरोड ने आय बचत अनुपात तथा पूँजी उत्पाद पर निर्भर उस विकास दर का उल्लेख किया है, जो उद्यमियों को प्रेरित कर सके।

हैरोड एवं डोमर के मॉडल में समानताएँ

  1. हैरोड एवं डोमर की अधिकाँश मान्यताएँ एक समान हैं।
  2. दोनों अर्थशास्त्री इस मत से सहमत है कि पूर्ण रोजगार को बनाये रखने के लिए आय-वृद्धि इतनी अवश्च होनी चाहहिए कि उत्पादन की अतिरिक्त मात्रा को खपाया जा सके।
  3. दोनों का मत है कि निवेश-वृद्धि से उत्पादन क्षमता बढ़ती है और यह, आय के कार्यकरण पर निर्भर करती है।
  4. दोनों अर्थशास्त्रियों ने आय में वृद्धि को Y =S/Cr माना है।
  5. हैरोड एवं डोमर दोनों के विकास मॉडल का प्रमुख यन्त्र अथवा प्रारम्भिक बिन्दु निवेश वृद्धि है और अन्तिम बिन्दु पूर्ण रोजगार की प्राप्ति है।

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