पाठ्यक्रम एवं शिक्षा के बारे में मुदालियर आयोग के सुझाव प्रस्तुत कीजिए।

पाठ्यक्रम और शिक्षा माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम पर विस्तारपूर्वक विचार व्यक्त करते हुए कमीशन ने निम्नलिखित सुझाव दिये

  1. पाठ्यक्रम को छात्रों की विभिन्न योग्यताओं व क्षमताओं के विकास में सहायक होना चाहिए।
  2. पाठ्यक्रम में विविधता व लचीलापन होना चाहिए जिससे उसे विद्यार्थियों की आवश्यकताओं व अभिरुचियों के अनुरूप बनाया जा सके।
  3. पाठ्यक्रम का सामुदायिक जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होना चाहिए।
  4. पाठ्यक्रम के सभी विषयों में परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध रहना चाहिए। उक्त सिद्धान्तों के आधार पर आयोग ने माध्यमिक विद्यालयों के लिए निम्नलिखित विषय निर्धारित किये

(अ) मिडिल या जूनियर हाई स्कूल-

  1. भाषाएँ
  2. समाज विज्ञान,
  3. समान्य विज्ञान
  4. गणित,
  5. कला और संगीत,
  6. हस्तशिल्प तथा
  7. शारीरिक शिक्षण ।

(ब) हायर सेकेण्डरी स्कूल

इसके पाठ्यक्रम में विविधता को आवश्यक मानते हुए निम्नलिखित 7 समूहों का उल्लेख किया गया-

  1. सामाजिक विषय
  2. विज्ञान,
  3. टेक्निकल विषय,
  4. वाणिज्य विषय,
  5. कृषि
  6. ललित कलाएँ और
  7. गृह-विज्ञान

ई-लर्निंग की शैली के बारे में प्रकाश डालिए।

इनमें से छात्र किसी भी समूह के तीन विषय ले सकते हैं पर सभी समूहों के विद्यार्थियों को भाषा, आयोग सामान्य विज्ञान व समाज विज्ञान या शिल्प का अध्ययन अनिवार्यत: करना होगा।

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