भारत पर हूण आक्रमाण के विषय में आप क्या जानतें हैं संक्षेप में लिखिए?

भारत पर हूण आक्रमाण

कुमारगुप्त के समय से ही गुप्त साम्राज्य पर आन्तरिक और बाह्य आक्रमण होने लगे। भारत पर हूणों का पहला प्रसिद्ध आक्रमण गुप्त शासक स्कन्दगुप्त के शासन काल में हुआ। यद्यपि स्कन्दगुप्त ने पुष्यमित्र हूणों को दबाकर अपने राज्य की रक्षा की तथापि इन्होंने उसके साम्राज्य को धन-जन की हानि पहुँचायी होगी। स्कन्दगुप्त की मृत्यु के पश्चात हूणों ने पुनः गुप्त साम्राज्य पर आक्रमण प्रारम्भ कर दिए तथा शीघ्र ही गुप्त साम्राज्य के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया।

बुद्धगुप्त के शासनकाल में एरण के महाराज मातृविष्णु बुद्धगुप्त की अधीनता में शासन कर रहा था, लेकिन उसकी मृत्यु के बाद मातृविष्णु के छोटे भाई धन्यविष्णु ने हूण शासक तोरमाण की अधीनता स्वीकार की यहीं नहीं हूण मिहिरकुल ने गुप्त शासक बालदित्य (नरसिंहगुप्त) को भी कुछ समय के लिए अपनी अधीनता मानने के लिए बाध्य किरण था। इन आक्रमणों ने गुप्त साम्राज्य को कमजोर बना दिया। इस प्रकार हूणों का आक्रमण गुप्त साम्राज्य के पतन का एक मुख्य कारण माना जा सकता है।

वत्सराज के राज्यकाल की विशेषताएँ बताइए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top