भारतीय नागरिकों के मूल अधिकारों पर किन परिस्थितियों में प्रतिबन्ध लगाया जा सकता है?

भारतीय नागरिकों के मूल अधिकारों भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार निरपेक्ष नहीं है। इन पर राष्ट्र की एकता, अखण्डता, शान्ति एवं सुरक्षा तथा अन्य राष्ट्रों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों के आधार पर प्रतिबन्ध लगाया जा सकता है। संविधान द्वारा निम्नलिखित परिस्थितियों में नागरिकों के मौलिक (मूल) अधिकारों पर प्रतिबन्ध लगाये जाने की व्यवस्था की गयी है

  1. संविधान में संशोधन करके नागरिकों के मूल अधिकार कम या समाप्त किये जा सकते हैं।
  2. जिन क्षेत्रों में मार्शल लॉ (सैनिक कानून) लागू होता है यहाँ भी मूल अधिकार स्थगित हो जाते हैं।
  3. आपाताकालीन स्थिति में नागरिकों के मूल अधिकार स्थगित किये जा सकते हैं।
  4. नागरिकों द्वारा मूल अधिकारों का दुरुपयोग करने पर सरकार इन्हें निलम्बित कर सकती है।
  5. सेना में अनुशासन बनाये रखने की दृष्टि से भी इन्हें सीमित या नियन्त्रित किया जा सकता है।

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