Sociology

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संस्कृतिकरण की व्याख्या कीजिए।

संस्कृतिकरण – इस अवधारणा का प्रतिपादन सर्वप्रथम भारतीय समाजशास्त्रीय प्रो० एम० एम० श्रीनिवास ने किया था। “संस्कृतिकरण वह प्रक्रिया है […]

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प्रतिस्पर्द्धा की अवधारणा स्पष्ट कीजिए। इसकी विशेषता एवं स्वरूप की विवेचना कीजिए।

प्रतिस्पर्द्धा की अवधारणा – प्रतिस्पर्द्धा एक विश्वव्यापी असहयोगी सामाजिक प्रक्रिया है जो विरोधी व्यवहार के द्वारा व्यक्तियों को एक दूसरे

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औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा क्या है? दोनों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

औपचारिक व अनौपचारिक शिक्षा – पाठ्यक्रम के आधार पर शिक्षा के निम्न स्वरूप अथवा प्रकार है- (1) औपचारिक शिक्षा (Formal

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शिक्षा का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य एवं विशेषताओं की विवेचना कीजिए।

शिक्षा का अर्थ, परिभाषा-शिक्षा का अर्थ संकुचित रूप में पुस्तकीय ज्ञान और पढ़ने-लिखने से लगाया जाता है परन्तु व्यापक रूप

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अन्तः क्रियावाद (मीड) की व्याख्या कीजिए।

अन्तः क्रियावाद (मीड) – जे.एच. मीड ने “माइन्डसेल्फ एण्ड सोसाइटी” में जो सिद्धान्त प्रस्तुत किया है उससे प्रतीकात्मक अन्तक्रियावादी सिद्धान्त

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प्रकार्यवादी परिप्रेक्ष्य (श्रीनिवास) की व्याख्या कीजिए।

प्रकार्यवादी परिप्रेक्ष्य (श्रीनिवास) – श्रीनिवास ने अपनी पुस्तक “रिवीजन एण्ड सोसाइटी एमंग कुर्ग आफ साउथ इण्डियन 1952” में संस्कृतिकरण की

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