डाल्टन योजना की कार्य पद्धति।

डाल्टन योजना की कार्य शिक्षण कार्य प्रतिदिन 9 बजे से सायंकाल 4 बजे तक चलता है। प्रातः काल विद्यालय में शिक्षक एवं शिक्षार्थियों का एक सम्मेलन होता है, जिसमें शिक्षक शिक्षार्थियों को 30 से 50 मिनट तक उनके कार्यों के विषय में आवश्यक निर्देश देता है। इसके पश्चात् सभी शिक्षार्थी प्रयोगशाला में जाकर अपनी-अपनी योग्यता, रुचि और बुद्धि के अनुसार स्वतंत्रतापूर्वक अपना कार्य शुरू करते हैं। वे एक प्रयोगशाला से दूसरी प्रयोगशाला में स्वेच्छापूर्वक आ-जा सकते हैं। बालक जितनी देर तक जिस किसी विषय में कार्य करना चाहें, कर सकते हैं। विद्यालय में बीच के समय कुछ अवधि तक अवकाश भी दिया जाता है।

अवकाश के उपरांत बालक पुनः अपना कार्य प्रारम्भ कर देता है। सायंकाल सभी बालक वैयक्तिक या सामूहिक रूप से वाद-विवाद / विचार-विमर्श में भाग लेते हैं डाल्टन योजना की शिक्षा कार्य प्रणाली में कुछ बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है-

माण्टेसरी पद्धति क्या है? डॉ. माण्टेसरी के शिक्षा सिद्धांत का उल्लेख कीजिए।

  1. शिक्षकों द्वारा प्रत्येक विषय के कार्यों को वर्ष पर्यन्त बालकों को ठेका देना।
  2. साप्ताहिक कार्य के रूप में निर्दिष्ट पाठ देना।
  3. निर्दिष्ट पाठों को पाँच इकाइयों में बाँट देना।
  4. बालक की प्रगति का लेखा नियमित रूप से तैयार करना।

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