एक अच्छे परामर्शदाता के गुण क्या है

परामर्शदाता के गुण

परामर्शदाता के गुण एक अच्छे परामर्शदाता को परामर्श प्रक्रिया के अन्तर्गत अनेक प्रकार के कार्य करने पड़ते हैं। उसके कार्य विभिन्न स्कूलों में अलग-अलग होते हैं। इसलिए परामर्शदाता को उस विद्यालय की परिस्थितियों के अनुसार योग्य होना चाहिए। परन्तु तब भी कुछ योग्यताएँ ऐसी है जो प्रत्येक परामर्शदाता में पायी जाती है। परामर्शदाता की योग्यताओं को हम अध्ययन की सुविधा के अनुसार तीन भागों में विभक्त कर सकते हैं-

(1 ) व्यक्तिगत योग्यताएँ (Personal Qualities)

अनेक लेखकों ने परामर्शदाता की व्यक्तिगत योग्यता की अलग-अलग सूची दी है। ये सूचियों कई प्रकार से प्रस्तुत की गई है परन्तु सब में बात एक ही है। सर्वोतम सूची ” A Professional Standards Comittee of the American College Personnel Association” ने दी है जिसका स्पष्ट उल्लेख एण्डू (Andrew) तथा विली (Willey) ने किया है। इस सूची के अनुसार एक परामर्शदाता में अग्रांकित व्यक्तिगत विशेषताएँ होना आवश्यक हैं-

  • (i) सामाजिक व्यावहारिकता, रूचि, व्यक्तियों से लगाव, दूसरों की आवश्यकताओं का आदर, सामान्य ज्ञान।
  • (ii) नेतृत्व-योग्यता, निर्णय लेने की योग्यता, आत्मनिर्भरता
  • (iii) सहयोगियों के साथ मिल-जुलकर कार्य सम्पन्न करने की क्षमता।
  • (iv) मैत्रीभाव
  • (v) सुरुचिपूर्ण व्यवहार।
  • (vi) सुन्दर व्यक्तित्व।
  • (vii) आत्मविश्वास ।
  • (viii) महत्वपूर्ण धार्मिक एवं नैतिक विचारधाराएँ।

(2) अनुभव (Expericece)-

उचित परामर्श हेतु यह आवश्यक है कि परामर्शदाता को शिखा का अच्छा अनुभव हो कुछ कार्य उसी समय सफलतापूर्वक सम्पन्न किये जा सकते हैं। जब परामर्शदाता को पर्याप्त शिक्षण अनुभव हो। दूसरे, परामर्शदाता को अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य करना पड़ता है। इसलिए उसे परामर्श प्रक्रिया का भी पर्याप्त अनुभव होना आवश्यक है। उसे परामर्श प्रक्रिया के आधारभूत सिद्धान्तों का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए।

(3) प्रशिक्षण (Training)-

परामर्शदाता का प्रशिक्षण, उसके कार्य एवं दायित्वों के अनुसार होना चाहिए जिससे यह अपने कार्य एवं दायित्वों को सफलतापूर्वक सम्पन्न कर सके। फिर भी एक परामर्शदाता को निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करना आवश्यक है।

(i) मानव विकास

इस प्रकार के प्रशिक्षण के माध्यम से परामर्शदाता को मानव व्यवहार का विकास, उसकी समस्याओं का विकास, सीखना, समायोजन इत्यादि वा ज्ञान हो जाता है और इनका ज्ञान एक निर्देशन कार्यकर्ता को अत्यन्त आवश्यक है। इस प्रकार के प्रशिक्षण में परामर्शदाता को सीखना, रुचि, प्रेरणा, व्यक्तिगत विभिन्नाएं, तत्परता, अभिरुचि, विचार, विकास एवं व्यवहार का पूर्ण ज्ञान प्राप्त होना चाहिए।

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(ii) निर्देशन उपकरण

परामर्शदाता को समस्त निर्देशन उपकरणों की जानकारी एवं उनको प्रयोग करने का प्रशिक्षण पूरी तरह से प्राप्त कर लेना जरूरी है। इस प्रकार के प्रशिक्षणों से हमारा तात्पर्य विभिन्न प्रकार के परीक्षणों (Tests) का प्रयोग, विश्लेषण एवं विवेचन करने के प्रशिक्षण से है।

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