जातीय विविधता से आप क्या समझते हैं।

जातीय विविधता

भारतीय जाति-व्यवस्था के अन्तर्गत यहां विभिन्न जातियों की एक छोटी-मोटी सेना पायो जाती है। भारत की जाति व्यवस्था एक खण्डात्मक संरचना है, जिसमें विभिन्न उप-जातियां सम्मिलित है तथा प्रत्येक खण्ड की अपनी-अपनी विशेषताएँ, प्रथाएँ तथा रीति-रिवाज है यहाँ हिन्दुओं में ही नहीं बल्कि मुस्लिम और ईसाई समाज में भी कई जातियाँ होती है, जिनमें अनेक भिन्नताएँ होती है परन्तु अनेक विभिन्नताओं के पाए जाने पर भी सभी जातियों में कई समानताओं के दर्शन होते हैं। देश में विभिन्न जातियों में मध्य पायी जाने वाली पारस्परिक निर्भरता ने जातियों को एकता के सूत्र में बांधे रखा है। समय-समय पर भारत में अनेक बाह्य आक्रमणकरियों का आगमन होता रहा किन्तु उनमें से अधिकांश भारत की जाति-व्यवस्था में घुल मिलकर उसी के अंग बन गए। भारत में जजमानी प्रथ ने भी विभिन्न जातियों को एक-दूसरे से बांधे रखा। आज भी जाति व्यवस्था वैयक्तिक जीवन सामुदायिक जीवन और सम्पूर्ण समाज के लिए प्रकार्यात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण संस्था मानी जाती है।

महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमण के क्या कारण थे?

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top