कैथरिन द्वितीय का जीवन चरित्र एवं कार्यों का मूल्यांकन कीजिए।

कैथरिन द्वितीय का जीवन चरित्र – कैथरिन द्वितीय का जन्म सन् 1762 में हुआ था। कैथरिन द्वितीय जन्मू से तो जर्मन थी, किन्तु विवाह के पश्चात् उसने पूरी तरीके से रूसी जीवन को अपना लिया था। कैथरिन द्वितीय काफी योग्य शासिका थी। यह समकालीन फ्रांसीसी दार्शनिकों के साथ पत्र- व्यवहार किया करती थी। कैथरिन उच्चकोटि की लेखिका थी। परन्तु अपने व्यक्तिगत जीवन में यह काफी दुराचारिणी थी। सन् 1762 में पीटर को अपदस्थ कर दिया गया और कैथरिन रूस की जारिना घोषित हुई।

कैथरिन द्वितीय की गणना 18वीं शताब्दी के सुसंस्कृत और स्वेच्छाचारी शासकों में की जाती है। उसके व्यक्तिगत जीवन में नैतिकता का अभाव था किन्तु उसने अपने व्यक्तिगत जीवन को राजनीति से दूर रखा। उसने फांसी सभ्यता का अनुसरण कर रूस का आधुनिकीकरण करना चाहा, किन्तु इसमें उसे अंश मात्र ही सफलता प्राप्त हो सका। पश्चिम सभ्यता का प्रभाव सिर्फ राजदरबारियों और उच्च वर्ग के रूसियों पर ही पड़ा।

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साधारण रूसी जनता पाश्चात्य सभ्यता से पूरी तरीके से अप्रभावित रही। कैथरिन द्वितीय की यूरोपीयकरण की नीति में बाह्य प्रदर्शन अधिक था, जब कि वास्तविकता बहुत कम थी। कैथरीन द्वितीय के कार्यों कर मूल्यांकन करने पर इस बात का पता चलता है कि उसके अन्दर राजनीतिक प्रश्नों तथा अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को समझने की अपूर्व प्रतिभा थी। उसकी राजनीतिज्ञता दूरदर्शिता और कूटनीति काफी प्रभावी थी।

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