क्या प्लेटो प्रजातंत्र विरोधी थे?

प्लेटो प्रजातंत्र विरोधी – प्लेटो ने प्रजातंत्र के सम्बन्ध में यह उद्घोषणा की कि, “यह शासन प्रणाली बिना किसी अपवाद के निकृष्ट है।” सुकरात की मृत्यु ने उसके हृदय में प्रजातंत्र विरोधी बीजों का रोपण किया था। सुकरात द्वारा प्रतिपादित यह सिद्धान्त कि ‘ज्ञान ही गुण है’ प्लेटो के हृदय में प्रजातंत्र विरोधी भावनायें पैदा करने में बड़ा सहायक हुआ। इस सिद्धान्त के कारण उसकी यह मान्यता बनी कि गुण की पात्रता कुछ सीमित लोगों में होती है- सामान्य मानव राजनीतिक जीवन के संचालन के योग्य नहीं होता है। कुछ विद्वानों का मत है कि कुलीन परिवार में पैदा हुआ था इसलिए भी वह प्रजातंत्र प्रणाली से घृणा करता था। प्लेटो को दृष्टिगोचर हुआ कि एथेन्स का शासन अक्षम और अयोग्य व्यक्तियों द्वारा संचालित होता है।

संविधान निर्माण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।

शिक्षा पद्धति घटिया है, दलगत राजनीति आदि के कारण इस नगर राज्य में इतने विकार हैं कि यहाँ प्रजातंत्र अपने निकृष्ट रूप में है। इसी कारण उसने अपने आदर्श राज्य की स्थापना की तथा विशिष्ट दार्शनिक शासक के हाथों में निरंकुश शासन प्रणाली का समर्थन किया

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