मैकियावली की कानून सम्बन्धी विचार- मैकियावती ने लिखा है कि राज्य विहीन समाज में अराजकता का कारण कानून का न होना ही था कानून का मुख्य कार्य समाज में सामंजस्य तथा समन्वय स्थापित करना है। कानून राज्य की सामाजिक, राजनीतिक व संस्कृति के अनुरूप होता है। इसी कारण वे समाज के विभिन्न अंगों को एक सूत्र में बाँधने में सफल होते हैं।
मैकियावली की कानून सम्बन्धी धारणा न तो प्राचीन काल से साम्य रखती है और न मध्यकाल की कानून सम्बन्धी धारणा से। किन्तु मैकियावती के लिये कानून न तो ईश्वरीय विवेक को प्रकट करता है और न सार्वभौम विवेक का प्रतिबिम्ब है। परन्तु वह नागरिक कानून की धारणा को स्वीकार करता है। उसके लिये कानून शासनकर्त्ता का आदेश है और वह उसे शासक के प्रभाव का माध्यम मानता है।
मैकियावली के नैतिकता सम्बन्धी विचार लिखिए।
कानून की सफलता राज्य की ही सफलता होती है क्योंकि कानून ही व्यवस्था स्थापित करता है। इस सम्बन्ध में राज्य की ही सफलता होती है क्योंकि कानून ही व्यवस्था स्थापित करता है। इस सम्बन्ध में सेबाइन का कहना है कि “नागरिकों के समस्त गुणों का प्रमुख स्रोत कानून है।”