निर्देशन के क्षेत्र में अभियोग्यता का महत्व |

निर्देशन के क्षेत्र में अभियोग्यता

किसी विद्यार्थी को व्यवसाय-निर्देशन देते समय अभियोग्यता अपना विशेष महत्व रखती है। परामर्शदाता इसी के ज्ञान के आधार पर उचित परामर्श देता है। छात्रों का किन व्यवसायों में प्रवेश करना चाहिए, यह परामर्श तभी दिया जा सकता है जबकि छात्रों की क्षमताओं एवं अभियोग्यताओं का ज्ञान हो। विशेष अभियोग्यता परीक्षाओं की सहायता से विशेष जीविकाओं के लिए व्यक्तियों का चयन करने में सुविधा रहती है। इस प्रकार अभियोग्यता परीक्षाएँ नियुक्तिकत्ताओं की सहायक भी होती है। इन परीक्षाओं के द्वारा असफल कर्मचारियों की संख्या में कमी की जा सकती है। हमारे देश में व्यक्ति किसी रूचि या अभियोग्यता पर ध्यान दिये बिना ही जीविकाओं में प्रवेश करते हैं। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि इनमें से अधिकांश व्यक्ति विभिन्न जीविकाओं को बदलते पाये जाते हैं। क्षेत्र

शैक्षिक मानकों में ह्रास पर टिप्पणी लिखिए।

ये किसी एक जीविका में दक्षता प्राप्त नहीं कर पाते है। ऐसे व्यक्तियों की शक्ति और समय का अपव्यय होता हैं इस अपव्यय को दूर करने के लिए आवश्यकत है कि भारत में भी अभियोग्यता परीक्षाओं का उपयोग सर्वप्रिय बनाया जाए। ऊपर जिन परीक्षाओं का वर्णन किया गया है वे अधिकतर संयुक्त राज्य अमेरिका की है। अतः आवश्यकता इस बात की है कि अपने ही देश में यहाँ की परिस्थितियाँ के अनुकूल अभियोग्यता परीक्षाओं का निर्माण किया जाए।

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