फ्रांस तथा अमेरिकी सीनेट की तुलना – फ्रांस और अमेरिका दोनों देशों में विधायिका के उच्च सदनों को सीनेट कहते हैं। एक ही नाम के इन दो सदनों में केवल बहुत थोड़ी समानता पाई जाती है। यह सत्य है कि दोनों देशों में नेट की सदस्य संख्या अपने-अपने निचले सदनों की अपेक्षा कम है। दोनों ही देशों की
सीनेट स्थायी सदन है। परन्तु, जहाँ तक शक्तियों का प्रश्न है अमेरिका की सीनेट निश्चय ही अधिक शक्तिशाली है। उसे संसार का सबसे अधिक शक्तिशाली द्वितीय सदन कहा जाता है। दोनों देशों की सीनेटों में संरचना के आधार पर स्पष्ट भेद हैं। “अमेरिका की सीनेट में एक सौ सदस्य होते हैं, जिन्हें जनता द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव में
निर्वाचित किया जाता है। वे सदस्य राज्यों की समानता के आधार पर चुने जाते हैं। अर्थात् प्रत्येक “छोटे और बड़े राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जनता का नहीं। इसके सदस्यों का निर्वाचन छः वर्ष के कार्यकाल के लिए होता है, परन्तु इसके एक-तिहाई सदस्य प्रत्येक दो वर्ष के पश्चात् अवकाश ग्रहण करते हैं। इस प्रकार प्रत्येक दो वर्ष के पश्चात् एक-तिहाई स्थानों के लिए चुनाव होता है, परन्तु सीनेट पूरे तौर पर कभी भी भंग नहीं की जाती। अमेरिका में, निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अपेक्षा सीनेट की सदस्यता के लिए अधिक अनुभवी एवं परिपक्व नागरिक चुने जाने का प्रयास करते हैं। दूसरी ओर फ्रांस की सीनेट में किन्हीं संघीय इकाइयों का प्रतिनिधित्व नहीं होता है क्योंकि फ्रांस तो एकात्मक राज्य है। फ्रांस की सीनेट के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से प्रान्तीय परिषदों (Departmental Councils) के निर्वाचित सदस्यों द्वारा होता है। परन्तु इसके सदस्य प्रान्तों (Departments) की समानता के आधार पर निर्वाचित नहीं होते हैं। उनकी सदस्य संख्या 230 है और वे नौ (Nine) वर्ष के लिए चुने जाते हैं। परन्तु एक-तिहाई सदस्य प्रत्येक तीन वर्ष के पश्चात् अवकाश ग्रहण करते हैं, और सीनेट स्थायी रूप से बनी रहती है। फ्रांस की सीनेट निचले सदन, राष्ट्रीय सभा से कम शक्तिशाली है इसलिए वहाँ वरिष्ठ राजनीतिज्ञ राष्ट्रीय सभा के लिए चुना जाना पसन्द करते हैं।
सामान्य रूप से देखने में ऐसा प्रतीत होता है कि विधायी क्षेत्र में अमेरिका और फ्रांस दोनों की सीनेट के पास उतनी ही शक्तियाँ हैं जितनी की सम्बद्ध निचले सदनों की हैं। परन्तु, व्यवहार में फ्रांस की सीनेट के पारित होने में केवल विलम्ब कर सकती है इसके विपरीत अमेरिका में सीनेट की स्वीकृति के बिना कोई विधेयक पारित हो ही नहीं सकता है। वित्तीय विधायन के क्षेत्र में फ्रांस की सीनेट लगभग पूरी तरह शक्तिहीन है। यह केवल पन्द्रह दिन की सीमित अवधि में अपने विचार कर सकती है जिन्हें मानने के लिए न तो राष्ट्रीय सभा बाध्य है और न ही सरकार बाध्य हो सकती है। इसके विपरीत अमेरिका में कोई भी धन विधेयक तब तक कानून नहीं बन सकता है जब तक कि सीनेट और प्रतिनिधि सभा दोनों ही उसे एक रूप में पारित न कर दें।
फ्रांस के पांचवें गणतंत्र में राष्ट्रपति।
संयुक्त राज्य अमेरिका में सीनेट अनेक महत्त्वपूर्ण प्रशासकीय शक्तियों का प्रयोग करती है। अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा की गई सभी नियुक्तियाँ सीनेट की स्वीकृति के पश्चात् ही प्रभावी हो सकती हैं। विदेशों के साथ अमेरिका द्वारा जिन संधियों पर हस्ताक्षर किए जाते हैं उनका सीनेट द्वारा दो-तिहाई बहुमत से अनुमोदन किया जाना आवश्यक होता है। इसके बिना संधिये को लागू नहीं किया जा सकता। फ्रांस की सीनेट को इस प्रकार को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका तथा फ्रांस दोनों ही देशों में युद्ध की घोषणा विधायिका के दोनों सदनों का उत्तरदायित्व है। उसी प्रकार फ्रांस और अमेरिका दोनों में संविधान के संशोधन की प्रक्रिया में भी दोनों सदनों के अधिकार एक समान हैं।
फ्रांस और अमेरिका के उच्च सदनों की उपरोक्त समीक्षा से यह स्पष्ट हो जाता है कि कुछ ही क्षेत्रों में दोनों की शक्तियाँ मिलती-जुलती हैं। परन्तु फ्रांस की सीनेट, अमेरिका की सीनेट की तुलना में निश्चित रूप से कम शक्तिशाली है। यदि अमेरिका की सीनेट को संसार का सबसे शक्तिशाली द्वितीय सदन कहा जाता है तो फ्रांस की सीनेट सबसे शक्तिहीन द्वितीय सदनों में से एक है।