प्रसिद्ध राजपूत वंश कौन से थे?

प्रसिद्ध राजपूत वंश

प्रसिद्ध राजपूत वंश – हर्ष की मृत्यु के पश्चात् भारत की राजनैतिक एकता भंग हो गयी और सम्पूर्ण भारत में छोटे-छोटे राज्यों की स्थापना हुई। इन राजवंशों को सामूहिक रूप से ‘राजपूत वंश’ कहा गया है। इन राजपूत वंशों ने लगभग 500 वर्षों तक भारत पर शासन किया। प्रसिद्ध राजपूत राजवंशों का विवरण इस प्रकार है।

गुर्जर प्रतिहार वंश-

यह राजपूतों का एक शक्तिशाली वंश था। इस वंश का शासन राजस्थान के अधिकांश भागों में था। इस वंश का कन्नौज पर अधिकार को लेकर पाल वंश और राष्ट्रकूट वंश से संघर्ष होता रहता था। इस वंश का संस्थापक नागभट्ट प्रथम था।

पालवंश

इस वंश का उदय 8 वीं शताब्दी में बंगाल में हुआ था। इस वंश का संस्थापक गोपाल था जिसे सन् 725 ई. में बंगाल की जनता ने अपना शासक चुना।

बुन्देलखण्ड का चन्देल वंश

इस वंश का उदय जेजाकमुक्ति (बुन्देलखण्ड) आधुनिक झांसी-बाँदा और उसके आसपास के जिले प्रदेश में हुआ था। इस वंश का संस्थापक नन्नुक था। इस वंश के पास मुख्य रूप से कालिंजर, खजुराहो, महोबा और अजयगढ़ थे।

चाहमान अथवा चौहान वंश-

इस वंश का शासन मुख्यतः अजमेर और दिल्ली में था। इस वंश का संस्थापक वासुदेव को माना जाता है। इस वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक पृथ्वीराज तृतीय (राय पिथौरा ) था, जिसका तराइन के मैदान में मुहम्मद गोरी से युद्ध हुआ था।

गहड़वाल वंश-

इसका संस्थापक चन्द्रदेव था। जयचन्द राजपूत इस वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक गोविन्द चन्द्र था। इस वंश का शासन कन्नौज और उसके आस-पास का क्षेत्र था।

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परमार वंश-

इस वंश का उत्कर्ष 9 वीं शताब्दी में हुआ। इस वंश का संस्थापक उपेन्द्र था। इस वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक भोज था।

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