सामाजिक संरचना की परिभाषा को स्पष्ट कीजिए।

सामाजिक संरचना की परिभाषा

(1) मोरिस जिन्सगबर्ग “सामाजिक संरचना का अध्ययन सामाजिक संगठन के प्रमुख स्वरूपों, अर्थात् समूहों के प्रकारों, समितियों, सदस्यों, संस्थाओं तथा इनकी जटिलता, जिनसे समाज का निर्माण होता है, के रूप में किया जा सकता है। सामाजिक संरचना का सम्पूर्ण विवरण हमें तुलनात्मक संस्थाओं के सम्पूर्ण क्षेत्र समीक्षा द्वारा प्राप्त हो सकता है।”

(2) मैकाइबर तथा पेज“समूह निर्माण के विभिन्न तरीके संयुक्त रूप से सामाजिक संरचना के जटिल प्रतिमान का निर्माण करते हैं।।…… सामाजिक संरचना के विश्लेषण में सामाजिक प्राणियों की विभिन्न प्रवृत्तियाँ और हित व्यक्त होते हैं।”

संघर्ष के सामाजिक कार्य, परिणाम का वर्णन कीजिए।

अतः यह कहा जा सकता है कि, सामाजिक संरचना का तात्पर्य किसी समूह या समाज में परस्पर सम्बन्धित परिस्थितियों और भूमिकाओं के ऐसे प्रतिमान से है जो अपेक्षाकृत स्थायी होता है तथा नियमित सम्बन्धों को जन्म देता है।

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