सभ्यता सांस्कृतिक क्रियाओं को किस तरह सरल बनाती है?

सभ्यता सांस्कृतिक क्रिया

मैकाइवर का कथन है कि सभ्यता और संस्कृति का सम्बन्ध इस बात से भी स्पष्ट हो जाता है कि सभ्यता के विकास से सांस्कृतिक क्रियाओं में भी वृद्धि होने लगती है। दूसरे शब्दों में, किसी समाज के पास सभ्यता से सम्बन्धित भौतिक साधन जितने अधिक होते है, यहाँ संस्कृति का विकास भी उतना ही अधिक होने लगता है। उदाहरण के लिए, यदि आज हमारे पास तरह तरह की औषधियों, मशीनें, उपकरण, यातायात और संचार के साधन, खाद्य-पदार्थ आदि न होते, तब हमारा सम्पूर्ण जीवन प्रकृति से संघर्ष करने में ही व्यतीत हो जाता।

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इसके फलस्वरूप उन आदर्श नियमों, परिपार्टियों, कानूनों और व्यवहार के उपयोगी तरीकों को विकसित करना सम्भव नहीं हो पाता जिनके कारण आज के मानव को सुसंस्कृत और सभ्य कहा जाता है। इसका तात्पर्य है कि सांस्कृतिक क्रियाओं के क्षेत्र को बढ़ाने अथवा संस्कृति का विकास करने में सभ्यता के तत्वों का विशेष योगदान होता है।

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