बेबीलोन के प्रारम्भिक समाज को समझाइये |
बेबीलोन के प्रारम्भिक समाज – प्रारम्भिक बेबीलोनियन समाज अथवा प्राचीन बेबीलोनियन समाज की प्रमुख विशेषतायें निम्नवत थी- (क) शहरी सभ्यता […]
बेबीलोन के प्रारम्भिक समाज – प्रारम्भिक बेबीलोनियन समाज अथवा प्राचीन बेबीलोनियन समाज की प्रमुख विशेषतायें निम्नवत थी- (क) शहरी सभ्यता […]
सिकन्दर के भारत पर आक्रमण के प्रभाव निम्न क्षेत्रों में दिखायी पड़ता है (i) नए मार्गों की खोज इस आक्रमण
असीरियन व्यापार वाणिज्य – असीरिया के निवासी व्यापार वाणिज्य में रूचि नहीं लेते थे तथा वहाँ का श्रीमन्त वर्ग इससे
मौर्य कौन थे? – मौर्यो की उत्पत्ति के विषय में इतिहासकारों में पर्याप्त मतभेद है। जहाँ ब्राह्मण साहित्य अथवा मौर्यों
असीरियन एवं बेबीलोनियन सभ्यता – यदि हम दोनों सभ्यताओं के विभिन्न पक्षों का तुलनात्मक अध्ययन करें तो स्पष्ट होगा कि
बेबीलोनियन कला – बेबीलोनियानों में सृजनात्मक शक्ति का अभाव था, अतएव नवीन सृष्टियों को कौन कहे, सुमेरियन कला एवं स्थापत्य
नन्दवंश के महत्व – नन्द राजाओं का शासन काल भारतीय इतिहास में कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। सामाजिक दृष्टि से
असीरियन सभ्यता में स्त्रियों की स्थिति – असीरियनों ने अपनी स्त्रियों को बेबीलोनियन स्त्रियों की भाँति अधिकार नहीं दिये थे।
भारत पर दारा के आक्रमण – ईरानी शासक डेरियस या दारा प्रथम ने (522-486 ई.पू.) भारत पर आक्रमण की -योजना
असीरियन साहित्य – साहित्य असीरिया के लिपिकों और बौद्धिकों ने प्राचीन कीलाक्षर लिपि को अपनाकर इसमें कई नवीन अक्षराकार जोड़े।