कमीज प्राचीन काल से ही सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक व धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। यशोवर्मन के पश्चात् आयुधवंश में कोई इतना शक्तिशाली शासक नहीं था जो कन्नौज की स्वतन्त्रता को बनाये रखने में सफल होता। इस स्थिति में 8 वीं सदी के मध्य से प्रारम्भ होकर 10 वीं सदी के अन्त तक पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूटों में कन्नौज पर अधिकार को लेकर जो संघर्ष हुआ उसे त्रिशक्ति संघर्ष कहा जाता है। इसमें कभी किसी एक पक्ष को विजय प्राप्त होती तो कभी किसी दूसरे को ।
प्रारम्भ- त्रिशक्ति संघर्ष कन्नौज पर अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए हुआ था जिसका प्रारम्भ प्रतिहार शासक वत्सराज ने किया। जब इसने कन्नौज पर शासन करने वाले तत्कालीन आयुध शासक इन्द्रायुध को परास्त कर कन्नौज पर अधिकार करने का प्रयास किया तो पाल शासक एवं राष्ट्रकूट शासक भी इसमें शामिल हो गये जिससे इसे विपक्षीय संघर्ष का नाम दिया जाता है। वत्सराज भी कन्नौज पर अधिकार नहीं बनाये रख सका और इसे राष्ट्रकूट शासक ध्रुव से पराजित होना पड़ा। इस प्रकार पहले चरण में राष्ट्रकूट इस संघर्ष में विजयी रहे लेकिन यह विजय अस्थायी थी।