विधान सभा अध्यक्ष- यह विधान सभा का मुख्य पदाधिकारी होता है। इनका चुनाव विधान सभा के सदस्य अपने सदस्यों में से ही करते हैं। इनका कार्यकाल विधान सभा के कार्यकाल तक होता है। इसके बीच अध्यक्ष अपना त्याग-पत्र उपाध्यक्ष को दे सकता है। अध्यक्ष को विधान सभा के सदस्यों के बहुमत द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के आधार पर हटाया जा सकता है, किन्तु इस प्रकार के प्रस्ताव की सूचना 14 दिन पूर्व अध्यक्ष को देना आवश्यक है। विधान सभा भंग हो जाने पर भी अध्यक्ष अपने पद पर उस समय तक बना रहता है जब तक कि नयी विधान सभा की प्रथम बैठक न हो।
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विधान सभा अध्यक्ष के कार्य-
- वह विधानसभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है और सदन की कार्यवाही का संचालन करता है।
- सदन में शान्ति और व्यवस्था बनाये रखना उसका मुख्य उत्तरदायित्व है।
- सदन का कोई भी सदस्य सदन में उसकी आज्ञा से ही भाषण दे सकता है।
- वह सदन की कार्यवाही से ऐसे शब्दों को निकाले जाने का आदेश दे सकता है जो असंसदीय या अशिए हैं।
- वह प्रश्नों को स्वीकार करता या नियम विरुद्ध होने पर उन्हें अस्वीकार करता है।
- वह किसी प्रश्न पर मतदान कराता और परिणाम की घोषणा करता है।
- कोई विधेयक ‘धन विधेयक है अथवा नहीं इसका निर्णय अध्यक्ष करता है।