योगासनों के चार उद्देश्य
- योगासनों से विद्यार्थियों तथा अन्य अभ्यास करने वाले व्यक्तियों के अंग प्रत्यंग रोगमुक्त हो जाते हैं तथा उनकी उचित प्रकार से शारीरिक वृद्धि होती है।
- विद्यार्थियों की शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक शक्ति को विकसित करने में योग पूर्ण रूप से सहायक है।
- यौगिक अभ्यास संवेगात्मक रूप से व्यक्ति को स्थिर चित्त बनाने में सहायता करते हैं। इसके साथ ही नैतिक तथा चारित्रिक उन्नति होती है।
- नियम, संयम, इन्द्रिय निग्रह आदि के माध्यम से योगाभ्यास करने वाले व्यक्ति में मानवीय मूल्यों का विकास होता है।
पर्यावरणीय शिक्षा के अर्थ एवं क्षेत्र का सविस्तार वर्णन कीजिये।