प्रौढ़-शिक्षा के प्रमुख साधनों को स्पष्ट कीजिए।

प्रौढ़-शिक्षा के विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कुछ संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है। बिना साधन के साध्य मिल नहीं सकता। श्रेष्ठ कार्य विधि एवं उत्तम साधन प्रौढ़ शिक्षा के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति में सहायक होते हैं।

1. साक्षरता पद्धति (Literacy Method)

प्रौढ़ों को साक्षर बनाना शिक्षा का प्राथमिक लक्ष्य है, जिससे वे अपने नाम को आसानी से लिख सकें। साथ ही अपने व्यावहारिक जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान कर सकें।

2. व्याख्यान प्रणाली (Lecture Method)-

परम्परागत व्याख्यान शैली प्रौदों को पढ़ाने के लिए प्रयोग में लायी जाती है, जो किसी संगोष्ठी के रूप में प्रौदों के सामने प्रयुक्त की जाती है।

3. कहानी – कथन एवं अभिनय (Story Telling and Dramatisation)

कहानी एवं अभिनय का माध्यम प्रौढ़ों को विशेष आकर्षित करता है। इससे कठिन से कठिन विषयों को सरलतम ढंग से प्रौढ़ों के सामने प्रस्तुत किया जाता है।

हिन्दू विवाह के उद्देश्य की विवेचना कीजिए।

4. जन-संचार के साधन (Approach of Mass Media)-

आजकल जन-संचार के संधान प्रौढ़ों के लिए ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में उपयोगी है। दूरदर्शन, रेडियों, वीडियो, समाचार-पत्र आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

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